UPSC सिविल सेवा परीक्षा क्या है, एवं इसकी आधारभूत जानकारी

सिविल सेवा परीक्षा यानि सम्मान, प्रतिष्ठा एवं जिम्मेदारी के साथ ही एक उज्जवल भविष्य की गारंटी देने वाली सेवा।  देश का हर युवा चाहे वो डॉक्टर हो, इंजीनियर हो या किसी अन्य प्रोफेशन में क्यू न हो हो, एक बार सिविल सेवा परीक्षा जरूर देता है और सिविल सेवा अधिकारी बनने की कोशिश करता है। 

ज़िद, समर्पण, मेहनत और निरन्तरता एवं परिस्तिथियों से लड़ने की अद्भुत क्षमता, ऐसी क्षमता जो शायद दुसरो के लिए मुम्किन ही न हो, ऐसे ही लोग बनते है सिविल सेवा अधिकारी।  सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा है जिसके द्धारा सिविल सेवा अधिकारियो को शासन व्यवस्था के लिए चुना जाता है। जैसे ही कोई परीक्षार्थी सिविल सेवा परीक्षा पास करता है तो देश के शासन व्यवस्था की जिम्मेदारी उसके कंधो पे आ जाती है।  

सरकारे आती जाती रहती है पर एक अधिकारी अपने विवेक व अनुभव से नीतियाँ बनाने व उनके क्रियान्वयन के कार्य में लगा रहता है।  सिविल सेवा अधिकारी से यह अपेक्षा की जाती है के वो अभावो के बीच भी रास्ता निकालकर देश को विकास की पटरी पर आगे ले जाये।  

UPDATE DATED – 04 MARCH 2021

संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2021 (UPSC Civil Services Exam-2021):-

संघ लोक सेवा आयोग ने दिनांक 04 मार्च, 2021 को सिविल सेवा परीक्षा 2021 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। UPSC/IAS की प्रारम्भिक परीक्षा 27 जून, 2021 को आयोजित की जाएगी। फॉर्म भरने की आखरी तिथि 24 मार्च, 2021 है।  

UPSC CSE 2021 Notification download

UPSC वार्षिक कैलेंडर के अनुसार यह नोटिफिकेशन 19 फरवरी, 2021 को ही जारी होना था। लेकिन कुछ छात्रों के द्धारा उच्चतम न्यायलय में लगाई गई याचिका के कारण इसमें देरी हुई। हाल ही में न्यायलय ने याचिका को खारिज कर दिया जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी हो सका। 

सिविल सेवा का इतिहास  

भारतीय सिविल सेवा की शुरुआत 19वी सदी में ही हो गयी थी।  1853 में ब्रिटिश सरकार ने सिविल अधिकारियो का चयन प्रतियोगी परीक्षा के द्धारा करवाना तय किया था।  उस समय यह परीक्षा केवल लंदन में ही आयोजित की जाती थी।  इसके पश्चात 1922 में यह परीक्षा दिल्ली में आयोजित की जाने लगी तथा भारतीय परीक्षार्थियों को भी इसमें भाग लेने का मौका मिला।  

इसके पश्चात 1935 में एक federal Public Service Commission की स्थापना की गयी तथा सिविल सेवा के साथ -साथ देश की अन्य परीक्षाये करवाने का ज़िम्मा भी दिया गया।  

भारत में सिविल सेवा 

भारत में सिविल सेवा 3 प्रकार की है :- 

A . अखिल भारतीय सेवा 

1. भारतीय प्रशासनिक सेवा 

2. भारतीय पुलिस सेवा 

3. भारतीय वन सेवा 

B.  ग्रुप “A” सिविल सेवा 

  • Indian Foreign Service (IFS)
  • Indian Audit and Accounts Service (IAAS)
  • Indian Civil Accounts Service (ICAS)
  • Indian Corporate Law Service (ICLS)
  • Indian Defence Accounts Service (IDAS)
  • Indian Defence Estates Service (IDES)
  • Indian Information Service (IIS)
  • Indian Ordnance Factories Service (IOFS)
  • Indian Communication Finance Services (ICFS)
  • Indian Postal Service (IPoS)
  • Indian Railway Accounts Service (IRAS)
  • Indian Railway Personnel Service (IRPS)
  • Indian Railway Traffic Service (IRTS)
  • Indian Revenue Service (IRS)
  • Indian Trade Service (ITS)
  • Railway Protection Force (RPF)

C  ग्रुप “B” सिविल सेवा    

  1. Armed Forces Headquarters Civil Service
  2. DANICS
  3. DANIPS
  4. Pondicherry Civil Service
  5. Pondicherry Police Service

 सिविल सेवा परीक्षा में चयन की प्रक्रिया 

देश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में चयन की प्रक्रिया आसान नहीं है।  सिविल सेवा में सफलता हासिल करने के लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत, कारगर रणनीति, ईमानदारी, समर्पण और स्मार्टनेस की आवश्यकता होती है।  ऐसे सुपर ब्रेन्स का चयन करने के किये UPSC 3 चरणों में सिविल सेवा परीक्षा करवाता है। इन तीनो चरणों में ही सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले परीक्षार्थियों का ही अंतिम रूप से चयन होता है।  

सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरण निम्न है :-

1. सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा :- सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर होते है जिसमे प्रथम पेपर सामान्य अध्ययन का तथा दूसरा पेपर तार्किक दक्षता का होता है जिसे CSAT कहते है।  प्रथम पेपर अथवा GS1 पेपर में प्राप्त अंको के आधार पर ही मेरिट बनती है। CSAT का पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग होता है जिसमे 33% अंक प्राप्त करने होते है।  प्रारंभिक परीक्षा में पास होने वाले परीक्षार्थियों को ही अगले चरण यानि CSE(Mains) देने की अनुमति होती है जो की कुल vacancies का लगभग 15% होता है।  

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2. सिविल सेवा मुख्या परीक्षा :- सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा देते है। यह परीक्षा लिखित (Subjective) होती है अर्थात प्रश्न पत्र में पूछे गये प्रश्नो के उत्तर आपको उत्तर पुस्तिका में लिखने होते है।  मुख्या परीक्षा का परीक्षा केंद्र, रोल नंबर आदि प्रारंभिक परीक्षा से भिन्न होते है। इस परीक्षा में बैठने से पहले एक अन्य फॉर्म भी भरना होता है जिसे DAF1 कहा जाता है।  मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थीओ को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है जो की इस परीक्षा का अंतिम चरण है।  

3. साक्षात्कार :- सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थीओ को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है जो की इस परीक्षा का अंतिम चरण है। साक्षात्कार UPSC के द्धारा निश्चित किये गये बोर्ड मेंबर लेते है। जिसमे परीक्षार्थी की मानसिक दक्षता और क्षमता का आंकलन किया जाता है। 

                                 साक्षात्कार व मुख्य परीक्षा को के अंको को जोड़कर अंतिम मेरिट तैयार की जाती है तथा सफल हुआ परीक्षार्थियों को उनकी मेरिट के अनुसार विभिन्न सिविल सेवाओं का आवंटन किया जाता है।   

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