हेलो दोस्तों, सिविल सर्विसेज हब पर आपका स्वागत है। दोस्तों क्या आपने कभी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया है या उसमे का किया है? यदि हाँ तो आपने NSE और BSE के बारे में तो सुना ही होगा। क्या आप जानते है की यह क्या होते है? इन दोनों का अर्थ क्या होता है? ये दोनों क्या काम करते है? यदि नहीं तो यह पोस्ट आपके किये बहुत ही ज्ञानवर्धक होने वाली है। आज हम इस Full Form of NSE and BSE लेख के माध्यम से आपको पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइये शुरू करते है।
Full Form of NSE and BSE:-
NSE Full Form:-
NSE फुल फॉर्म इन हिंदी – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
NSE Full Form in English – National Stock Exchange
एनएसई भारत का सबसे कम नया स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्ष 1992 में खुला था। NSE भारत में नवीनतम, आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित, स्क्रीन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला पहला एक्सचेंज था। इसने देश के कोने-कोने में फैले निवेशकों को एक आसान व्यापारिक सुविधा प्रदान की है।
श्री विक्रम लिमये वर्तमान में NSE के प्रबंध निदेशक है। वर्ष 1992 में पहली बार, भारत में, एनएसई ने उन्नत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुआत की। इस ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुआत के बाद पेपर आधारित निपटान प्रणाली को हटा दिया।
एक साल बाद, 1993 में, एनएसई को एक कर भुगतान करने वाली कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। जो बाद में प्रतिभूति अनुबंध नियामक अधिनियम (Securities Contract Regulation Act) के तहत स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हुई।
निवेशकों को डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 1995 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का गठन किया गया था। बाद में एनएसडीएल निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने शेयरों और बांडों को सुरक्षित रखने और स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी गई। साथ ही यह सुविधा निवेशकों को मात्र एक शेयर से भी कार्य करने की सुविधा प्रदान करती है।
एनएसडीएल की सुरक्षा प्रणाली पारदर्शिता, दक्षता और लेनदेन पर काम कीमत वाली सुविधा है। इन सुविधा ने कारण घरेलू ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशक भी भारतीय शेयर बाजार की तरफ आकर्षित हुआ।इसी वर्ष NSE द्धारा निफ्टी 50 नामक एक लोकप्रिय बेंचमार्क इंडेक्स पेश किया गया था। यह इंडेक्स शीर्ष 50 कंपनियों को सूचीबद्ध करता है जो एनएसई शेयर बाजार में कारोबार करती हैं।
वर्ष 1994 में सब स्टॉक ट्रेडिंग शुरू हुई तब NSE 1 सेकंड में 2 आर्डर पूर्ण कर रहा था। वर्ष 2001 में यह संख्या बढ़कर 1 सेकंड में 60 ऑर्डर्स तक पहुँच गई। आज एनएसई प्रति सेकंड 1,60,000 ऑर्डर संभाल सकता है, तथा इन्हे निवेशकों की मांग पर असीमित संख्या तक बढ़ा भी सकता है।
NSE लगातार निपटान के समय को निचे लेन में लगा हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप, कुछ वित्तीय उत्पादों के लिए निपटान चक्र को टी-3 दिन से घटाकर T-2 दिन या टी-1 दिन कर दिया गया है।
निफ्टी के अलावा, एनएसई के अन्य महत्वपूर्ण सूचकांक हैं: सीएनएक्स निफ्टी जूनियर, सीएनएक्स 100 (एस एंड पी सीएनएक्स निफ्टी + सीएनएक्स निफ्टी जूनियर), एसएंडपी सीएनएक्स 500, सीएनएक्स मिडकैप आदि।
NSE की विशेषताएँ:-
NSE FULL FORM और इसकी मूल जानकारी जानने के बाद आइये जानते है कि NSE में विशेष क्या है-
इसमें पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग सिस्टम है जिसे NEAT (ऑटोमेटेड ट्रेडिंग के लिए नेशनल एक्सचेंज) के रूप में जाना जाता है।
एनएसई आदेशों के आधार पर कार्य करता है ना कि कोट्स पर।
खरीद आदेश और बेचने के आदेशों की तुलना करके सर्वोत्तम मूल्य प्रदान करता है। इस प्रक्रिया के लिये NSE, NEAT का उपयोग करता है।
एनईएटी अपने सदस्यों को पहले से ही प्रस्तुत आदेशों पर सशर्त खंड निर्धारित करने की अनुमति देता है। ये सशर्त खंड – मात्रा, समय और मूल्य से संबंधित होते है।
BSE FULL FORM:-
BSE फुल फॉर्म इन हिंदी – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
BSE FULL FORM IN ENGLISH – Bombay Stock Exchange
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बीएसई मुंबई के दलाल स्ट्रीट में स्थित एक भारतीय एक्सचेंज है।
इसकी स्थापना श्री प्रेमचंद रॉयचंद ने की थी, जो 19 वीं सदी के भारत के सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में से एक थे।
इन व्यवसायिओं ने स्टॉकब्रोकिंग व्यवसाय में भाग्य आजमाया और कपास राजा, बुलियन किंग या बिग बुल के रूप में जाना जाने लगे।
बीएसई एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसे वर्ष 1875 में “द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” नाम से जाना जाता था।
BSE की कहानी वर्ष 1855 में शुरू हुई थी जब 22 व्यापारी टाउन हॉल के सामने एकत्रित हुए थे।दलालों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए इन बैठकों का स्थान कई बार बदला गया।
यह समूह अंततः वर्ष 1874 में दलाल स्ट्रीट पर एकत्रित होने लगे।
1957 में, BSE को आधिकारिक तौर पर भारतीय केंद्र सरकार द्धारा देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता प्रदान की गई। यह मान्यता प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम, 1956 के तहत के तहत प्रदान की गई।
1986 में सेंसेक्स को पहले इक्विटी इंडेक्स के रूप में पेश किया गया। इस इंडेक्स के द्धारा 10 से अधिक क्षेत्रों की शीर्ष 30 व्यापारिक कंपनियों को पहचान के लिए एक आधार प्रदान किया गया।
वर्ष 1995 में, BSE ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम (BOLT) शुरू किया गया।
बीएसई विभिन्न सेवाओं जैसे बाजार डेटा सेवाओं, जोखिम प्रबंधन, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) डिपॉजिटरी सेवाओं आदि प्रदान करता है।
इसके अलावा, अप्रैल 2018 तक बीएसई $ 2.3 ट्रिलियन से अधिक के कुल बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया का 10 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है।
बीएसई के अन्य महत्वपूर्ण सूचकांक हैं: बीएसई 500, बीएसई 100, बीएसई 200, बीएसई MIDCAP, BSE SMALLCAP, BSE PSU, BSE ऑटो, BSE फार्मा, BSE फास्ट मूविंग गुड्स (FMCG), BSE कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (SYMBOL: कंस दुरा), बीएसई मेटल आदि।
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BSE की विशेषताएँ:-
बीएसई पर सूचीबद्ध प्रतिभूतियां, स्टॉक, स्टॉक विकल्प, सूचकांक विकल्प, साप्ताहिक विकल्प हैं।
यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
सेंसेक्स 30 बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स है और इसमें 12 विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं।
इस स्टॉक एक्सचेंज ने भारत के पूंजी बाजार को विकसित करने और भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र के विकास को बढ़ाने में मदद की है।
BSE तथा NSE में अंतर:-
BSE | NSE | |
स्थापना | 1875 | 1992 |
बेंचमार्क इंडेक्स | सेंसेक्स 30 | निफ़्टी 50 |
वेबसाइट | WWW.BSEINDIA.COM | WWW.NSEINDIA.COM |
लिस्टेड कंपनी | 5749 | 1696 |
मार्किट CAP | लगभग 2.3 ट्रिलियन | लगभग 2.27 ट्रिलियन |
ग्लोबल रैंक | 10वा | 11वा |
नेटवर्क | 450 शहरो में | 1500 शहरो से ज्यादा |
लिक्विडिटी | NSE से कम | NSE की BSE से ज्यादा है |
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