ONE BANKING SYSTEM ONE OMBUDSMAN UPSC

One Banking System One Ombudsman UPSC के बारे में इस पोस्ट में बात करेंगे। बैंकिंग प्रणाली से जुडी समस्याओ के निवारण के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक एक एकीकृत प्रणाली विकसित कर रहा है।  जिसकी घोषणा RBI ने हाल ही में की है। 

One Banking System One Ombudsman UPSC

वर्तमान में बैंकिंग लोकपाल की 3 अलग व्यवस्था है जो इस प्रकार है –

बैंकिंग

गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था 

डिजिटल पेमेंट के लिये लोकपाल 

ग्राहकों के प्रति अधिक जवाबदेही स्थापित करने तथा समस्याओ के तुरन्त निस्तारण के लिये बैंकिंग लोकपालों का एकीकरण करके “एक बैंकिंग और एक बैंकिंग लोकपाल ” की अवधारणा को अमल में लाया जा रहा है। केंद्रीय बैंक इस सुविधा को जून 2021, से लागू कर सकता है। 

One Banking System One Ombudsman की आवश्यकता क्यों है:-

वर्तमान में बैंकिंग लोकपाल के 22 अलग-अलग जगह ऑफिस है जिनमे बैंकिंग से सबंधित समस्याओ का निस्तारण किया जाता है।  इन लोकपालों के पास वह समस्या आती है जिनका का निस्तारण बैंक के स्टार पर एक महीने में नहीं किया जाता है। 

आकड़ों के अनुसार एक लोकपलों के पास तक़रीबन 2 लाख शिकायते आयी थी। इसमें से कई शिकायते तो डिजिटल पेमेंट से सम्बन्धित थी। इसी प्रकार डिजिटल पेमेंट के बढ़ने तथा समस्या का समय पर निस्तारण करने के लिए लोकपाल के एकीकरण की आवश्यकता महसूस हुई है। 

पुरानी संरचना और एकीकृत बैंकिंग लोकपाल में क्या भिन्नता है:-

इस व्यवस्था की मुख्य आवश्यकता डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ने से हुई है। जब किसी व्यक्ति को ऑनलाइन पेमेंट से सम्बंधित कोई समस्या होती है तो उसे यह कंप्लेंट बैंकिंग लोकपाल या डिजिटल  लोकपाल अथवा दोनों को करनी होती है। इस प्रकर समस्या से जूझ रहा ग्राहक और परेशान होता है।  एकीकृत लोकपाल के आने से इस समस्या से निजात मिलेगी और ग्राहक एक केंद्रीय सिस्टम के तहत अपनी समस्या का निस्तारण करवा सकेगा। 

लेकिन दूसरी और इस केंद्रीयकृत व्यवस्था में सभी समस्याएँ केंद्रीय लेवल पर दर्ज होंगी। इससे समस्या के निस्तारण में समय और अधिक लगेगा। इसके लिए केंद्रीय बैंक को चाहिए की नई व्यवस्था को सुचारु रूप से लागू करे। 

One Banking System One Ombudsman के फायदे:-

इस व्यवस्था के तहत ग्राहक को अपनी समस्या को अलग-अलग जगह पर रजिस्टर करवाना जरूरी नहीं है। इसके लिए की गयी ककेन्द्रीयकृत व्यवस्था ही इसे सम्बंधित को भेजेगा। 

CTS चेक व्यवस्था के भी इसके अंतर्गत शामिल होने से CTS चेक से सम्बन्धित समस्याओ का समाधान भी एक केन्द्रीय संरचना के तहत हो सकेगा। 

बैंको की आतंरिक संरचना में सुधर होगा जिससे जवाबदेही बढ़ेगी। CENTRALIZED कंप्लेंट होने पर उसको पूरा रिकॉर्ड रहेगा जिसे नकारा नहीं जा सकेगा। 

वर्क डिस्ट्रीब्यूशन  बढ़ावा मिलेगा तथा किसी एक प्रकार के लोकपाल पर अधिक भार नहीं पड़ेगा। 

निष्कर्ष:- 

कुल मिलाकर इस सुविधा के अंतर्गत ग्राहकों को निश्चय ही सुविधा होगी लेकिन दूसरी और केंद्रीय बैंक को चाहिये की वह इस व्यवस्था को रुट लेवल से मजबूती से लागू करे। 

One Banking System One Ombudsman से सम्बंधित आपके क्या विचार है।  हमें कमेंट बॉक्स में बताये। साथ ही अगर आप किसी अन्य टॉपिक पर भी पोस्ट चाहते है तो भी हमें कमेंट बॉक्स में लिखे। इस पोस्ट को अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ शेयर जरूर करे। 

SEE ALSO :- CURRANT AFFAIRS AND GENERAL KNOWLEDGE ARTICLES IN ENGLISH

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Tweet
Share
Share
Pin