फर्टिगेशन क्या है?
सिंचाई प्रणाली में मृदा संशोधन, जल संसोधन एवं अन्य जल में घुलनशील उत्पादों में उर्वरकों का इजेक्शन किया जाता है, जिसे फर्टिगेशन कहा जाता है। मुख्य रूप से सिंचाई प्रणाली में रसायनो का इजेक्शन किया जाता है।
फर्टिगेशन का उपयोग मुख्यतया व्यावसायिक कृषि और बागवानी में किया जाता है। फर्टिगेशन का उपयोग पौधो में पोषक तत्वों को जोड़ने तथा पौधो के ऊतक विश्लेषण में पाई जाने वाली कमी को ठीक करने के लिये किया जाता है।
आम तौर पर इसका उपयोग फलो, सब्जियों आदि की फसलों में किया जाता है।
फर्टिगेशन की विधियाँ:-
ड्रिप सिंचाई:- यह एक उत्तम सिंचाई विधि है। यह उर्वरको के लिये उत्तम तरीका है तथा कपास जैसे पौधे के लिये भी कारगर है। इस विधि के द्धारा छोटी- छोटी नलियों के द्धारा पौधे तक जल के साथ उर्वरक को पहुँचाया जाता है। ड्रिप सिंचाई में मृदा का क्षय भी न्यूनतम है।
छिड़काव विधि :- इस विधि के द्धारा फर्टिगेशन करने के लिये पाइपों के मध्य स्प्रिंकलर को जोड़ा जाता है। जिससे छिड़काव के द्धारा जल के साथ उर्वरक भी मृदा में पहुँच कर पौधे को प्राप्त होता है।
निरंतर आवेदन:- इस विधि के द्धारा एक निश्चित समय के अंतराल में उर्वरक दिये जाते है।
इसके अलावा कई अन्य विधियाँ है जिनके द्धारा फर्टिगेशन किया जाता है।
SEE ALSO:- फार्म एक्ट-2020 क्या है? किसानो में इसका विरोध क्यों है?
फर्टिगेशन के फायदे:-
पौधे के लिये उर्वरक उपलब्धता को बढ़ता है। पानी के साथ ही उर्वरको को पहुंचाया जाता है जिससे दोनों काम साथ-साथ हो जाते है।
आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरको को दिया जाता है जिससे उर्वरक मृदा में रहकर पानी के साथ बहते नहीं है। इससे रसायनो का पानी में मिलने का खतरा भी कम होता है।
सही समय पर उर्वरको को देने पर पौधे का उचित विकास होता है और उत्तम परिणाम प्राप्त होते है। ड्रिप सिस्टम के द्धारा फर्टिगेशन करने पर मृदा का क्षय न्यूनतम होता है।
फर्टिगेशन के नुकसान:-
इस विधि के द्धारा उर्वरक को देने के लिये अच्छी समझ का होना बहुत जरूरी है। एक निश्चित मात्रा में ही उर्वरक को मिलाया जाना चाहिये ताकि उर्वरक का नुकसान ना हो।
उर्वरक की वाटर सप्लाई तथा घरेलू वाटर सप्लाई को अलग रखना चाहिये जिससे की उर्वरक घरेलू पानी में मिक्स ना हो सके।
फर्टिगेशन की प्रक्रिया जल की उपलब्धता पर निर्भर है अतः जल की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिये।
फर्टिगेशन में उपयोग होने वाले उर्वरक और उनके फार्मूला:-
अमोनियम नाइट्रेट – NH4NO3
अमोनियम सलफेट – (NH₄)₂SO₄
यूरिया – CH₄N₂O
मोनोअमोनियम फॉस्फेट – (NH4)H2PO4
डाईअमोनियम फॉस्फेट – (NH4)2HPO4
पोटैसियम क्लोराइड – KCl
पोटेसियम नाइट्रेट – KNO3
पोटेसियम सलफेट – K2SO4
मोनोपोटेसियम फॉस्फेट – KH2PO4
फॉस्फोरिक एसिड – H3PO4
REFERENCE:-
https://www.sciencedirect.com/topics/agricultural-and-biological-sciences/fertigation
Thank you!!1
THANKS TO YOU…