New Corona Virus Identified in Dogs | In Hindi |

हेलो दोस्तों, सिविल सर्विसेज हब पर आपका स्वागत है। दोस्तों आपने कोविड-19 महामारी के बारे में तो सुना ही होगा। पिछले 2 वर्षों से यह महामारी मनुष्य प्रजाति में तेजी से फैल रही है। इस महामारी से एक और जहां मरीजों की जान जा रही है वहीं दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान हो रहा है। लेकिन यह महामारी अब केवल मनुष्य तक सीमित न रहकर जानवरों में भी फैल रही है। शोधकर्ताओं ने हाल ही में वायरस strain का पता लगाया है जो कुत्तों में फैल रहा है। इस वायरस के जानवरों से मनुष्य में फैलने की आशंका भी जताई जा रही है। आज के  हमारे New Corona Virus Identified in Dogs लेख में इसी शोध के बारे में चर्चा करेंगे तथा जानेंगे कि यह वायरस कितना खतरनाक है और इस इससे बचने के क्या संभव उपाय हो सकते हैं। तो संपूर्ण जानकारी के लिए इसलिए को अंत तक पढ़े। 

New Corona Virus Identified in Dogs:-

New Corona Virus Identified in Dogs

शोधकर्ताओं ने एक नए खोजे गए कोरोनावायरस के आनुवंशिक विश्लेषण को पूरा कर लिया है। यह वायरस कोरोनावायरस का ही एक रूप है जो कुत्तों के द्वारा मनुष्य को संक्रमित कर सकता है। इस वजह से संक्रमित होने पर श्वसन से संबंधित लक्षणों को भी देखा गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कुत्तों में पाए गए इस पहले कोरोनावायरस की रोकथाम के उपाय करना आवश्यक है।

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज में एक सहायक प्रोफेसर अनास्तासिया व्लासोवा ने बताया कि वर्तमान में इस  वायरस के द्वारा महामारी फैलने के आसार कम है लेकिन भविष्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के बारे में नहीं कहा जा सकता। उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के संक्रामक रोगों के विभाग में प्रोफेसर ग्रेगरी सी. ग्रे और मलेशिया के सरवाक में सेगी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टेक-हॉक तोह के साथ यह अध्ययन किया।

2018 में, शोधकर्ताओं ने निमोनिया के लिए पूर्वी मलेशियाई अस्पताल में 301 रोगियों के नाक के स्वाब का विश्लेषण किया। 8 मरीजों को शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस से संक्रमित पाया जिसमें से एक बच्चा भी था। इस नए खोजे गए वायरस का नाम शोधकर्ताओं ने CCoV-HuPn-2018 रखा। इन सभी  8 रोगियों का अस्पताल में इलाज किया गया। इन रोगियों को इलाज के लिए अस्पताल में कृत्रिम ऑक्सीजन भी दी गई। 

20 मई, 2021 को क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने CCoV-HuPn-2018 की आनुवंशिक विशेषताओं का वर्णन किया। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह वायरस कुत्तों को संक्रमित करने के पश्चात मनुष्य को भी संक्रमित कर सकता है। 

शोधकर्ताओं ने बताया कि अब यह वायरस मनुष्य में संक्रमण नहीं पहुंचा सकता है। साथ ही उन्होंने भविष्य में ऐसा होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया। उन्होंने बताया कि जब कोरोनावायरस किसी भी तरीके से मानव शरीर तक पहुंच जाता है तो फिर उसे रोकने के सारे उपाय बेकार हो जाते हैं। इसलिए हमें इस वायरस की तरफ अभी से ध्यान देना होगा।

वायरस लगातार बदलते रहते हैं। जब कोई वायरस अपने आनुवंशिक स्वरूप को इतना बदल देता है कि वह केवल एक निश्चित प्रकार के जानवर को संक्रमित करके मनुष्य को संक्रमित करने लायक हो जाता है। ऐसी स्थिति में वायरस का मानव शरीर में फैलना कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि वह वायरस मानव शरीर में किस प्रकार खुद को बढ़ाता है।

जानवरों से संबंधित कोरोनावायरस को मनुष्य को संक्रमित करने के लिए सबसे पहले मानव शरीर तक पहुंचना होगा इसके पश्चात मानव शरीर की कोशिकाओं से जुड़ने और खुद को बढ़ाने की प्रक्रिया को सीखना होगा। 

शोध की अन्य जानकारी:-

इस नए वायरस का मनुष्य में संक्रमण होने पर यदि यह वायरस पनप नहीं पाता है अथवा मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता उसे नष्ट कर देती है तो कुत्ते ही इस वायरस के लिए मृत छोर के रूप में होंगे। शोधकर्ताओं ने बताया कि नए खोजे गए कोरोना वायरस के आनुवंशिक मेकअप का केवल आधा हिस्सा SARS-CoV-2 वायरस के समान है, जो COVID-19 महामारी के लिए जिम्मेदार है।

यदि भविष्य में CCoV-HuPn-2018  वायरस मनुष्य में रोग फैलाने में सक्षम रहता है तुम मनुष्य में कोरोना वायरस चलाने वाला यह आठवां ज्ञात वायरस होगा। यदि 20 वर्ष पहले  यह किसी को बताया जाता है कि कुत्तों में पाया जाने वाला एक वायरस मनुष्य में  महामारी का कारण बन सकता है तो लोग आपकी संदेह की नजर से देखते। लेकिन आज की स्थिति में है ऐसा नहीं है और  हम जानते हैं कि ऐसा संभव हो सकता है।

इस वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध होने के बाद हो सकता है मनुष्य को कुत्तों के प्रति अपने स्वभाव को बदलना पड़े। हालांकि कुत्तों से होने वाली बीमारी के लक्षण CCoV-HuPn-2018 वायरस से भिन्न है।  कुत्तों के वायरस से होने वाली बीमारियां से डायरिया जैसी बीमारी होती है जबकि CCoV-HuPn-2018 वायरस से श्वसन संबंधी समस्या उत्पन्न होती है। 

शोधकर्ताओं ने बताया कि हमें निमोनिया से पीड़ित लोगों और जानवरों के अत्यधिक संपर्क में आने वाले लोगों के बीच इस तरह के वायरस की खोज करनी चाहिए। हमें ऐसे नए वायरस की खोज की तरफ कार्य करना चाहिए जिससे एक नए वायरस की प्रारंभिक चेतावनी मिल सके जो भविष्य में महामारी वायरस बन सकता है।

आज तक ज्यादा तो समय शोधकर्ताओं ने मनुष्य में होने वाली बीमारियां के बारे में ही अध्ययन किया है। हमें चाहिए कि हम जानवरों में भी इस अध्ययन को बढ़ाएं।

Reference: “Novel Canine Coronavirus Isolated from a Hospitalized Pneumonia Patient, East Malaysia” by Anastasia N Vlasova, PhD, Annika Diaz, Debasu Damtie, MS, Leshan Xiu, MS, Teck-Hock Toh, MD, Jeffrey Soon-Yit Lee, MD, Linda J Saif, PhD, Gregory C Gray, MD, 20 May 2021, Clinical Infectious Diseases.

DOI: 10.1093/cid/ciab456

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