Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention | In Hindi |

हेलो दोस्तों सिविल सर्विसेज हब में आपका स्वागत है। दोस्तों भारत देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में फैले कोविड-19 महामारी ने कई अन्य बीमारियों को भी जन्म दिया है इनमें से कई बीमारियां कोविड-19 के  समान ही संक्रामक और जानलेवा है। ऐसी ही एक बीमारी म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) है। इसे ब्लैक फंगस के नाम से भी जाना जाता है। आज के Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention लेख में हम आपको बताएंगे कि इस बीमारी के कारण क्या हैं तथा इस बीमारी से बचाव के क्या उपाय हैं। तो संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention:-

Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention

ब्लैक फंगस क्या है (What is Black Fungus):-

ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस एक प्रकार का फंगल संक्रमण है। आमतौर पर यह बीमारी बहुत अलग है। इसके साथ ही यह बीमारी जानलेवा भी है। सामान्य भाषा में  इसे जाइगोमाइकोसिस  के नाम से जाना जाता है। शरीर में किसी लंबी बीमारी या संक्रमण की स्थिति में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसके कारण इस बीमारी के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस बीमारी का तुरंत प्रभाव से इलाज कराना अति आवश्यक है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।

ब्लैक फंगस के लक्षण (Symtoms of Black Fungus):-

Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention

ब्लैक फंगस मानव शरीर में श्वसन या त्वचा संक्रमण के रूप में उत्पन्न होता है। इस बीमारी से सम्बंधित साइनस या श्वसन संक्रमण के लक्षण निम्न प्रकार है –

  • खांसी
  • बुखार
  • सरदर्द
  • नाक बंद
  • साइनस दर्द

त्वचा संक्रमण के रूप में म्यूकोर्मिकोसिस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। शुरुआत में यह बीमारी चोट या  आघात  के स्थल पर होती है लेकिन जल्दी यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाती है। ब्लैक फंगस के त्वचा संक्रमण संबंधी लक्षण निम्न प्रकार हैं –

  • काला त्वचा ऊतक
  • फफोले
  • बुखार
  • लालपन
  • सूजन
  • अल्सर

ब्लैक फंगस बीमारी म्यूकोर्मिकोसिस म्यूकोर्माइट मोल्ड्स के संपर्क में आने पर होती है। यह जीव निम्नलिखित चीजों में पाए जाते हैं –

  • पत्ते
  • खाद के ढेर
  • मिट्टी
  • सड़ती हुई लकड़ी

मोल्ड बीजाणुओं से संक्रमित हवा में सांस लेने पर ब्लैक फंगस संक्रमण की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इस प्रकार के संक्रमण को साइनस संक्रमण के नाम से जाना जाता है। इस संक्रमण के फलस्वरुप शरीर के निम्न अंगों में संक्रमण फैल सकता है –

  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (दुर्लभ)
  • आंखें
  • चेहरा
  • फेफड़े
  • साइनस

यद्यपि यह कवक मोल्ड  पर्यावरण में सामान्यतः उपस्थित रहते हैं। लेकिन इसके प्रभाव में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को संक्रमण होगा ऐसा जरूरी नहीं है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर ही संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। निम्नलिखित परिस्थितियों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती हैं –

  • बर्न्स
  • कैंसर
  • हाल ही में अंग प्रत्यारोपण
  • एचआईवी या एड्स
  • मधुमेह (खासकर अगर इसका ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है)
  • शल्य चिकित्सा

ब्लैक फंगस का इलाज:-

ज्यादातर लोगों में जब म्यूकोर्मिकोसिस होता है तो प्राइमरी की स्थिति में उन्हें पता नहीं चलता है। जब संक्रमित व्यक्ति किसी त्वचा संबंधी या फेफड़ों संबंधी बीमारी को लेकर डॉक्टर के पास जाता है तभी उसे इस संक्रमण के बारे में पता चलता है। इस बीमारी से बचने के लिए हमें चाहिए अपने शरीर पर होने वाले किसी भी संक्रमण को नजरअंदाज ना करें अपितु तुरंत चिकित्सक की सलाह ले।

म्यूकोर्मिकोसिस का परीक्षण प्रयोगशाला में उत्तक के नमूने को देखकर किया जाता है। यदि आपको साइनस का संदिग्ध संक्रमण है, तो आपका डॉक्टर कफ या नाक से स्राव का नमूना ले सकता है। 

म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज में सबसे पहले अंत: शिरा (IV) एंटीफंगल दवा दी जाती है। इसके पश्चात संक्रमित क्षेत्र को दवाओं के माध्यम से साफ किया जाता है। कभी-कभी संक्रमण की स्थिति में शल्य क्रिया के द्वारा संक्रमित उत्तक को हटा दिया जाता है। 

इसके पश्चात यदि संक्रमित व्यक्ति को दी गई अंत: शिरा (IV) दवा तथा शल्य चिकित्सा के द्वारा हटाए गए उत्तक के प्रति उचित प्रतिक्रिया देता है तो चिकित्सक संक्रमित व्यक्ति को मौखिक दवाइयां देना शुरू करता है। सामान्य ऐंटिफंगल दवाएं जो डॉक्टर म्यूकोर्मिकोसिस के लिए लिख सकते हैं निम्न है –

  • एम्फोटेरिसिन बी (एक IV के माध्यम से)
  • पॉसकोनाज़ोल (एक IV या मौखिक)
  • isavuconazole (एक IV या मौखिक)

ब्लैक फंगस से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:-

ब्लैक फंगस  का तुरंत इलाज करना अति आवश्यक है। अगर इलाज में देरी की जाए तो यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। इतना ही नहीं अगर समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाये तो यह बीमारी व्यक्ति के फेफड़े और दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे निम्न संक्रमण उत्पन्न हो सकते हैं –

  • एक मस्तिष्क संक्रमण
  • पक्षाघात
  • निमोनिया आदि।

ब्लैक फंगस के ठीक होने की संभावनाएं  उसके त्वरित इलाज पर निर्भर करती हैं। यह संक्रमण पूरे शरीर में भी फैल सकता है जिससे संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हालांकि ब्लैक फंगस बहुत कम पाया जाता है लेकिन हाल ही में बढ़ जाए कोविड-19 के मरीजों में इस बीमारी को अधिक देखा गया है।  इसलिए आवश्यक है कि शरीर में उत्पन्न हुए किसी भी संक्रमण को हम सामान्य ना समझ कर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

Black Fungus – Causes, Treatment and Prevention पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में लिखें। साथ ही इस पोस्ट को अपने फ्रेंड्स तथा फैमिली के साथ शेयर करें।

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