Plastic Pollution a global Problem | In Hindi |

हेलो दोस्तों, सिविल सर्विसेज हब पर आपका स्वागत है। आपने समुद्र में फैलते प्लास्टिक प्रदुषण के बारे में तो सुना ही होगा। यह प्लास्टिक प्रदुषण विभिन्न मार्गो से समुद्र में फैलता है जिनमे समुद्र के किनारे और लहरे प्रमुख है। जलीय जहाज़ और मछली व्ववसाय का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। दोस्तों आज हम इस Plastic Pollution a global Problem आर्टिकल में समझेंगे की किस तरह यह प्रदुषण फेल रहा है। इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है तथा इसके क्या दूरगामी परिणाम हो सकते है। तो आइये शुरू करते है। 

Plastic Pollution a global Problem:-

Plastic Pollution a global Problem

भूविज्ञान के मई अंक में  छापा था जिसमे यह बताया गया था कि अनियंत्रित मानव गतिविधियों के कारण दुनिया भर में पर्यावरण प्रदुषण एक विशाल और अभूतपूर्व पैमाने पर फैल रहा है। मानवजनित प्रदूषण के विविध रूपों में से प्लास्टिक प्रदुषण विशेष है जिसमे महासागरों को विशेष नुकसान होता दिखाई दे रहा है। यह लेख आई. ए. कैन मैनचेस्टर विश्वविधालय ए. फिलदानी दीप टाइम इंस्टीट्यूट के द्धारा लिखा गया था। 

लेखक उत्तर पश्चिमी दक्षिण चीन सागर में स्थित एक गहरे समुद्र में पनडुब्बी घाटी में प्लास्टिक कचरे के मिलने से आश्चर्यचकित थे। इसके स्थायित्व और बड़ी मात्रा में उत्पादन के कारण प्लास्टिक को आमतौर पर समुद्री कूड़े के प्रमुख घटक के रूप में माना जाता है। नैनो- और माइक्रोप्लास्टिक मानव जनित प्रदुषण का एक विकृत रूप है। छोटे टुकड़े और फाइबर नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते। यह छोटे टुकड़े और फाइबर पानी के साथ घुल जाते है जिसका हम उपयोग करते है। इसके अलावा ये समुद्री जीवो में भी पहुँच जाते है जिनका उपयोग भी हम करते है। 

मुख्य प्रश्न यह है कि यदि यह प्लास्टिक ज़मीन पर 1000 सालो से ज्यादा समय तक रह सकती है तो फिर इस  प्लास्टिक का गहरे समुद्र में विघटन कितने समय में होता होगा। अब समय आ गया है जब नीति-निर्माताओं को इस बारे में सोचना चाहिये। भूवैज्ञानिको को भी इस और और अधिक शोध करने की आवश्यकता है। वैज्ञानिको के इन कार्यो में सामाजिक चुनोतियो से गहरे समुद्र में प्रदूषण की स्थिति को पता करना है। 

आइये इस छोटे से वीडियो से समझते है कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिये कितना खतरनाक है –

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Reference:- I.A. Kane, A. Fildani; Anthropogenic pollution in deep-marine sedimentary systems—A geological perspective on the plastic problem. Geology 2021;; 49 (5): 607–608. doi: https://doi.org/10.1130/focus052021.1

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