हेलो दोस्तों, सिविल सर्विसेज हब पर आपका स्वागत है। दोस्तों आपको यह तो पता ही होगा कि हमारा मस्तिष्क एक जटिल संरचना है। इस मस्तिष्क के द्वारा कई जटिल कार्य किये जाते है। इस कार्यो को करने में तंत्रिका तंत्र भी अहम भूमिका निभाता है। जापान के वैज्ञानिको ने एक द्विचरणीय विधि का उपयोग करके न्यूरोट्रांसमीटर रिसेप्टर प्रोटीन को लेबल किया है। आज के हमारे Molecular Basis of Memory & Learning लेख में हम इसी शोध के बारे में चर्चा करेंगे। तो आइये शुरू करते है।
Molecular Basis of Memory & Learning:-
हमारे तंत्रिका तंत्र में न्यूरॉन्स न्यूरोट्रांसमीटर नामक रासायनिक संदेश भेजकर और प्राप्त करके एक दूसरे से “बात” करते हैं। यह संचरण कोशिका झिल्ली के प्रोटीन रिसेप्टर्स के द्वारा की जाती है। इन्ही रिसेप्टर्स के द्वारा न्यूरोट्रांसमीटर को कोशिका में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। जापान के वैज्ञानिको ने रिसेप्टर्स की गतिशीलता पर पर अध्ययन किया है जिससे वे स्मृति निर्माण और सीखने की प्रक्रियाओं को समझने में सक्षम हो सकते हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ है।
रिसेप्टर की न्यूरॉन कोशिका के अंदर गतिशीलता और स्थिरता सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी पर निर्भर करती है जो कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। एक विशिष्ट प्रकार का ग्लूटामेट रिसेप्टर जिसे एएमपीए-टाइप ग्लूटामेट रिसेप्टर (एएमपीएआर) के रूप में जाना जाता है। यह रिसेप्टर न्यूरॉन कोशिका झिल्ली के अंदर और बाहर होता रहता है।
एएमपीएआर की आवाजाही का विश्लेषण करने के बहुत तरीके है। लेकिन इनकी अपनी सीमाएं भी है। जैव रासायनिक तरीको के अनुसार रिसेप्टर प्रोटीन को बायोटिन (विटामिन बी) के साथ जोड़ा जाता है। प्रक्रिया में प्रोटीन का शुद्ध होना आवश्यक है। ज्यादातर मामलो में यह तरीके टारगेट सब -यूनिट की अभिव्यक्ति पर निर्भर करता है।
एक टारगेट सब -यूनिट की अभिव्यक्ति, न्यूरॉन्स में स्थानीय रिसेप्टर्स के स्थानीयकरण और आवाजाही में हस्तक्षेप कर सकता है।
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Reference: Ojima, K., Shiraiwa, K., Soga, K. et al. Ligand-directed two-step labeling to quantify neuronal glutamate receptor trafficking. Nat Commun 12, 831 (2021). https://doi.org/10.1038/s41467-021-21082-x