Substitute to Traditional Fertilizers : New Research | In Hindi |

हेलो दोस्तों, सिविल सर्विसेज हब पर आपका स्वागत है। दोस्तों यह तो आप जानते ही है कि हमें जीवित रहने के लिये भोजन सामग्री फसल से मिलती है। यह फसल जमीन पर होती है। लेकिन आजकल मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए कई रसायनो को उपयोग करके धरती को काफी नुकसान पहुँचाया है। इसलिए वैज्ञानिको इसका विकल्प ढूँढने के लिए शोध किया है। आज का हमारा यह आर्टिकल Substitute to Traditional Fertilizers : New Research इसी शोध पर आधारित है। तो पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े। 

Substitute to Traditional Fertilizers : New Research:-

शोधकर्ताओं ने मिट्टी के जीवाणुओं के एक समूह की खोज की है जो मिट्टी को समृद्ध बनाने  फसल की पैदावार में सुधार के लिए पारंपरिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में काम में आ सकते है। बॉयस थॉम्पसन इंस्टीट्यूट (BTI) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने बैक्टीरिया के एक अलग समूह की खोज की है जो कवक और पौधों को मिट्टी के पोषक तत्वों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

इस खोज से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह तरीका लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल है। इस तरीके के अपनाकर मिट्टी को समृद्ध तथा फसल की पैदावार में सुधार किया जा सकता है। यही नहीं इस तरीके का उपयोग करके किसान पारंपरिक उर्वरको पर अपनी निर्भरता को भी कम कर सकता है। 

कुछ अन्य रोचक तथ्य:-

शोधकर्ताओं को पता है कि एरोबस्कुलर मायकोरिज़ल (एएम) कवक 70 प्रतिशत जमीन पर उगने वाले पौधो के साथ सहजीवी सम्बन्ध रखता है। इस सम्बन्ध में पौधे कवक के नाइट्रोजन और फास्फोरस के लिए फैटी एसिड प्रदान करते है। हालांकि, एएम कवक में नाइट्रोजन और फास्फोरस को जटिल कार्बनिक अणुओं से मुक्त करने के लिए आवश्यक एंजाइमों की कमी होती है।

वैज्ञनिको के एक दाल ने एरोबस्कुलर मायकोरिज़ल की स्तिथि का पता लगाकर यह जानने की कोशिश की है कि यह कवक मृदा के पोषक तत्वों को ग्रहण कर सकता है या नहीं। उन्होंने यह जानने की कोशिश भी की है कि यह कवक बैक्टीरिया के किस समूह से जुड़ा हुआ है। इनका ये अनुसंधान हाल ही में ISME जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है। 

शोधकर्ताओं ने लम्बे फिलामेंट की एक संरचना जिसे Hyphae कहा जाता है, पर भी बैक्टीरिया की जाँच की। यह Hyphae अपने मेजबान की जड़ो के साथ अंदर की तरफ बढ़ते है। Hyphae पर कवक की दो प्रजातियों में से एक पर ऐसे बैक्टीरिया को पाया गया है। इस बैक्टीरिया की संरचना आस-पास की अन्य संरचनाओं से भिन्न थी। 

कॉर्नेल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटीग्रेटिव प्लांट साइंस के एक वैज्ञानिक ने बताया कि मानव आंत और पौधे के जड़ो के सामान एरोबस्कुलर मायकोरिज़ल (एएम) कवक भी अपने Hyphae में स्वयं का माइक्रोबायोम धारण किये हुए है। 

अगर वैज्ञानिक इस शोध में कामयाब हो जाते है तो इन बैक्टीरिया की मृदा में संख्या बढाकर फसल की पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। पारंपरिक उर्वरको के उपयोग को भी इसके द्धारा नियंत्रित किया जा सकता है।

एएम कवक के बारे में अन्य जानकारी:-

एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने एएम कवक की दो प्रजातियों ग्लोमस वर्सीफोर्म (Glomus versiforme) तथा राइजोफैगस इर्रेगुलेरिस (Glomus versiforme) का तीन अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पर परिक्षण किया। इस परिक्षण में उन्होंने सहजीवी के रूप में ब्राचीपोडियम डिस्टायोन (Brachypodium distachyon) नमक घास का प्रयोग किया जो की गेहूँ से सम्बंधित है। 

Substitute to Traditional Fertilizers : New Research

65 दिनों तक कवक को घास के साथ बढ़ने दिया गया। इसके बाद वैज्ञानिको ने जीन अनुक्रमण का प्रयोग करके Hyphae की सतह से चिपके बैक्टीरिया की पहचान करने की कोशिश की। शोधकर्ताओं को दोनों कवक प्रजातियों के बैक्टीरिया समूह के मेकअप में उल्लेखनीय स्थिरता दिखाई दी। ये बैक्टीरिया की प्रजातियाँ शोध में काम में ली गई तीन मृदा में तो समान थी परन्तु पास की अन्य मृदा में भिन्न थी। 

Substitute to Traditional Fertilizers : New Research

इस शोध से यह भी अनुमान लगा है कि इनमें से कुछ बैक्टीरिया फ़ॉस्फोरस आयनों को फ़िलामेंट्स के आसपास के क्षेत्र में मुक्त करते हैं, जिससे कवक उन आयनों को ग्रहण कर सके। वैज्ञानिको का समूह उन कारकों की जांच कर रहा है जिनके कारण जीवाणु फिलामेंट्स पर इकट्ठा होते हैं। 

वैज्ञानिक हैरिसन के अनुसार एएम कवक उन अणुओ को स्रावित कर सकता है जो इन बैक्टीरिया को आकर्षित करता है। इसके बदले में बैक्टीरिया उन अणुओ का उत्सर्जन करती है जो कवक के लिए उपयोगी है। 

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Reference: Emmett, B.D., Lévesque-Tremblay, V. & Harrison, M.J. Conserved and reproducible bacterial communities associate with extraradical hyphae of arbuscular mycorrhizal fungi. ISME J (2021). https://doi.org/10.1038/s41396-021-00920-2

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